सूरज को करीब से जानने के लिए नासा का मिशन

वॉशिंगटन। अंतरिक्ष एजेंसी नासा पहली बार सूर्य के नजदीक जाकर उसका अध्ययन करने के लिए अपना एक अंतरिक्ष यान भेजने जा रही है। सोलर पार्क प्रोब नामक इस यान को भेजने का उद्देश्य सूर्य के नजदीक के वातावरण, उसके स्वभाव और कार्यप्रणाली को समझना है। एक कार के आकार का यह अंतरिक्षयान सूरज की सतह से 40 लाख मील की दूरी से गुजरेगा। इससे पहले किसी भी अंतरिक्षयान ने इतना ताप और इतने प्रकाश का सामना नहीं किया है।नासा ने शनिवार को अपने ‘सूर्य को छूने’ वाली ऐतिहासिक छोटी कार के आकार के यान के निर्धारित लांच को टाल दिया है, जिसे फ्लोरिडा के केप केनावेरल वायुसेना अड्डे से लांच किया जाना था। एजेंसी ने अब इस अंतरिक्ष यान को रविवार को लांच करने का लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसे सूर्य के वातावरण या कोरोना में जाने के लिए डिजाइन किया गया है। इतिहास में सूर्य के इतने करीब से कोई भी अंतरिक्ष यान नहीं गुजरा है। यह यूनाइटेड लॉन्च अलायंस डेल्टा 4 हैवी रॉकेट में सवार होकर उड़ान भरेगा। लॉन्च होने के कुछ महीनों के बाद यह यान सूर्य के पास पहुंचेगा। यह मानव द्वारा अब तक निर्मित किसी भी वस्तु के मुकाबले सूरज का ज्यादा करीब से अध्ययन करेगा। साल 2024 तक यह सूर्य के 7 चक्कर लगाएगा पार्कर सोलर प्रोब अपने साथ कई उपकरणों को लेकर जा रहा है जो सूरज का भीतर से और आस-पास या प्रत्यक्ष रूप से अध्ययन करेगा। इन उपकरणों से जुटाए गए डेटा से वैज्ञानिकों को इसके बारे में बुनियादी सवालों का जवाब देने में मदद मिलेगी।इस अंतरिक्ष यान को सूर्य की गर्मी से बचाने के लिए नासा ने कई उपाय किए हैं। इसे थर्मल प्रोटेक्शन सिस्टम से लैस किया गया है, जो इसे सौर ऊर्जा के प्रभाव की वजह से नष्ट होने से बचाएगा। इसमें एक वॉटर कूलिंग सिस्टम भी लगाया गया है, जिससे कि इसके सोलर पैनल सौर ऊर्जा की वजह से नष्ट होने से बचेगा और यान का तापमान 29ए सी रखने में मदद मिलेगी।

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